समस्त प्रकार की शुद्धि के बाद निसिहि निसिहि बोल कर भगवान के दरबार में प्रवेश करना चाहिए । जहाँ तक...
Read moreचातुर्मास के आगमन के साथ ही जिनालय, देरासर या कहे तो मंदिर जी में श्रावक श्राविकाओ का आगमन और उत्साह...
Read moreमानव-शरीर के विभिन्न अंगों की बनावट के आधार पर उसके गुण-कर्म-स्वाभावादि का निरूपण करने वाली विद्या आरंभ में लक्षण शास्त्र...
Read moreहम लोग जो नवकार मंत्र बोलते हैं, वे किस समझ से बोलते हैं? 'चौबीस तीर्थंकर ही अरिहंत हैं।' हम अगर...
Read moreभगवान सीमंधर स्वामी कौन है ? भगवान सीमंधर स्वामी वर्तमान तीर्थंकर भगवान हैं, जो हमारी जैसी ही दूसरी पृथ्वी पर...
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