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जैन कहानी – दान की महिमा

एक भिखारी सुबह-सुबह भीख मांगने निकला। चलते समय उसने अपनी झोली में जौ के मुट्ठी भर दाने डाल दिए, इस अंधविश्वास के कारण कि भिक्षाटन के लिए निकलते समय भिखारी अपनी झोली खाली नहीं रखते। थैली देखकर दूसरों...

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जैन तीर्थ यात्रा पर जाने से पहले जरुर पढ़े

एक वह जमाना था, अब पैदल ही तीर्थ यात्रा करने की परिपाटी थी, अथवा तो बैलगाडी द्वारा यात्रा की जाती थी । आज भी ऐसे कई बूढे-बुजुर्ग मौजूद हैं, जिन्होंने बैलगाड़ी जोड़कर यात्रा कीं थी। पहले तो बस,...

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कर्म भोग प्रारब्ध – अपने अपने कर्मो का फल सबको मिलता है

एक गाँव में एक किसान रहता था उसके परिवार में उसकी पत्नी और एक लड़का था। कुछ सालों के बाद पत्नी मृत्यु हो गई उस समय लड़के की उम्र दस साल थी किसान ने दुसरी शादी कर ली।...

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जैन धर्म के शाश्वत सूत्र और उनमे “णं” का प्रयोग

जय जिनेन्द्र, जैन धर्म अपने आप में महान और अनूठा है ! आज हम जानेंगे हमारे शाश्वत मन्त्रों और उनकी महत्ता को । तीन सूत्र शाश्वत कहे गए हैं - नमस्कार सूत्र , करेमि भंते सूत्र एवं नमुत्थुणं सूत्र ।...

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जीरावाला प्रतिष्ठा का सु-अवसर आ रहा है ! देखिये झलकियाँ

श्री जीरावाला पार्श्वनाथ मंदिर की भव्य प्रतिष्ठा की मंगल वेला धीरे धीरे समीप आ रही है, देखिये कुछ ऐसे करने की कोशिश है जिरावाला की एतिहासिक प्रतिष्ठा - वाराणसी नगरी पुरे प्राचीन रूप में बनेगी राजा का महल हूबहू...

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क्या आप जानते हैं चातुर्मास “चौमासा” का मतलब ?

वर्षा ऋतु में अनंत जीवों की उत्पत्ति होती है | हमारे आवागमन से इनकी हिंसा से बचने हेतु परमात्मा ने चातुर्मास (चोमासा) प्रणाली स्थापित की थी | साधु-साध्वी चातुर्मास यानी वर्षाकाल में एक ही जगह स्थिरता करते हैं -...

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अपने पुण्य और पाप का फल सबको मिलता है..

जम्बुद्वीप का भरत क्षेत्र और इस अवसर्पिणी काल के 20वें तीर्थंकर श्री मुनिसुव्रतस्वामी के समय की बात है एक बड़ा सेठ था, जिसका नाम था "कार्तिक सेठ" उसके यहाँ 1008 मुनीम काम करते थे | एक बार वहां...

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ऐसी हस्तरेखा वाले को होता हें भारी धन-लाभ

ऐसी हस्तरेखा वाले को होता हें भारी धन-लाभ :- आज के इस योग में हरएक व्यक्ति यही चाहता है कि उसे अचानक भारी धन-लाभ हो, चाहे किसी भी प्रकार से हो। इस अचानक लाभ के लिए व्यक्ति अपनी...

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जैन धर्म के अनुसार शयनविधि – दिशा बदलो दशा बदलेगी

जैन धर्म व शास्त्रों के अनुसार एक व्यक्ति को किस प्रकार अपनी शयन विधि रखनी चाहिए इसपर हम आज विचार करेगे । हम अपनी शयन विधि में कुछ निम्न परिवर्तन या कुछ बातो का ध्यान रखेगे तो हमें...

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ऐसी दशा हो भगवन जब प्राण तन से निकले…

“ऐसी दशा हो भगवन जब प्राण तन से निकले...” यह स्तवन तो सुना ही होगा ! पर कभी विचार किया है की जीवन के अंतिम समय में भगवन की भक्ति और धार्मिक प्रवत्ति अनिवार्य क्यों बताई जाती है ?...

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