श्री जीरावाला पार्श्वनाथ मंदिर की भव्य प्रतिष्ठा की मंगल वेला धीरे धीरे समीप आ रही है, देखिये कुछ ऐसे करने की कोशिश है जिरावाला की एतिहासिक प्रतिष्ठा –
- वाराणसी नगरी पुरे प्राचीन रूप में बनेगी
- राजा का महल हूबहू बनेगा जिसमे राजदरबार से लेकर हर चीज प्राचीन होगी
- वहां जो नदी है उसे गंगा का रूप दिया जाएगा
- 3500 साधू साध्वी जी से आने की स्वीकृति
- भव्य सामेया जुलुस 1000 हाथी घोड़े ऊंट आदि से सुसज्जित होगा
- मेरु शिखर विशाल प्राचीन बनेगा
- विशाल समोरसरण की रचना होगी
- प्रतिष्ठा के समय 21 देव विमानों से पुष्प वर्षा होगी
- इंद्र इन्द्राणी शिखर नवराने आकाश से उतरेंगे
- सभी स्वामिवत्सल्य बिठा कर होंगे..
- कोई VIP नहीं होगा ट्रस्टी ओर उनका परिवार भी पंगत में बैठकर भोजन करेंगे
- कोई गच्छ वाद क्षेत्र वाद या परिवार वाद नहीं होगा
- किसी भी देवरयो पर लाभार्थी के नाम नहीं लिखे जाएंगे
- कोई पुराना नाम का पथ्थर नहीं लगेगा
- ट्रस्ट के खर्च से पुरे गांव के BPL धारक 36 कोमों को लखपति बनाया जाएगा
- ट्रस्ट ओर दानदाता की उदारता देखो जिनकी धर्मशाला भोजन शाला बनी थी उन्होंने तुड़वा दी ओर लाभ भी समापन कर दिया अब उनका नाम कहीं नही आएगा धन्य है..
बन्धुवर निश्चित जब हमारे जैसी हजारो की संख्या में चारित्रिक आत्माएं प्रवेश करेगी तो अद्भुत स्वर्ग के समान नजारा होगा, हम तो मन बना चुकें हैं आप भी अभी से मन बनाएं प्रतिष्ठा में अवश्य पधारे |
आज जिरावला तीर्थ मे अदभुत नज़ारा देखने का सोभाग्य मिला। देश विदेश से पधारे हुए जैन धर्म के सभी गणमान्य लोगों का मिलन और ट्रस्ट द्वारा प्रतिष्ठा की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी।
प्रतिष्ठा की कुछ झलकियाँ इस प्रकार है :
- 2 लाख वर्ग फीट का रंग मण्डप
- 3 लाख वर्ग फीट का भोजन खंड
- बस और टैक्सी स्टैंड
- हेलिपैड
- 108 दीक्षा
- 3500 लगभग महात्माओं का आगमन
- 30000 लोगों के रहने की व्यवस्था
- सभी आजु बाजु गाँव से बस की सुविधा
- नितिन देसाई (ND Studio) द्वारा सम्पूर्ण महोत्सव की उजमनी।
- 5000 साल पूर्व जैन शासन केसा था उसकी झलकियाँ।